Janani Suraksha Yojana : स्वास्थ्य विभाग जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव पोटली बनवा है। आगरा जनपद में अब तक 1000 से अधिक प्रसव पोटली बनवाई जा चुकी हैं। यह योजना मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में कारगर साबित हो सकती है।
आगरा/लखनऊ.
Janani Suraksha Yojana : गर्भावस्था के दौरान और शिशु के जन्म की पहले से तैयारी करने और प्रसव पोटली तैयार करने से मुश्किल परिस्थितियां आने से बचा जा सकता है। इसमें गर्भवती के स्वास्थ्य संबंधी व आवश्यक सूचना और सामग्री को एकत्रित किया जाता है। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जनपद में जन्म योजना व प्रसव पोटली बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जनपद में अब तक एक हजार से ज्यादा प्रसव पोटली बनाई जा चुकी हैं।
जनपद आगरा के गांव नया बांस निवासी 23 वर्षीय रचना ने सूझबूझ दिखाकर प्रसव पोटली तैयार कर ली थी। जब रचना गर्भवती हुईं तब पंजीकरण के उपरांत एएनएम और स्थानीय आशा कार्यकर्ता द्वारा गर्भावस्था के तीसरे महीने में समीक्षा की गई। इसके बाद जन्म योजना की तैयारी शुरु कर दी। छठवें माह में आशा कार्यकर्ता द्वारा घर पर जाकर परिवार के सदस्यों के समक्ष जन्म योजना व प्रसव पोटली बनाने के लिए कहा। आशा कार्यकर्ता के कहे अनुसार रचना व परिवार के सदस्यों ने प्रसव पोटली तैयार कर ली। इसके बाद गर्भावस्था के नौंवें महीने में 29 जनवरी 2025 को रचना को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जैसा कि पहले से जन्म योजना व प्रसव पोटली तैयार कर ली गई थी। उसी के अनुरूप रचना ने आशा कार्यकर्ता श्यामलता को रात को एक बजे फोन किया। आशा कार्यकर्ता तुरंत रचना के घर पहुंचीं और पंजीकरण आईडी लेकर 102 एंबुलेंस सेवा को फोन करके बुलाया और पहले निर्धारित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंवलखेड़ा पर रचना को ले जाया गया। यहां पर उनका संस्थागत प्रसव किया गया। प्रसव पोटली में मौजूद सामग्री से उन्हे कोई भी मुश्किल नहीं हुई। सुरक्षित तरीके से रचना ने सुबह छह बजे बिटिया को जन्म दिया। रचना बताती हैं कि जन्म योजना व प्रसव पोटली प्रत्येक गर्भवती के लिए आवश्यक हैं। यह प्रसव पीड़ा के दौरान सबकुछ आसान कर देते हैं। क्या कदम उठाने हैं और कहां जाना है सभी निर्णय लेना आसान हो जाता है। वहीं नया बांस निवासी 22 वर्षीय रबिता ने बताया कि वह सात माह की गर्भवती हैं। आशा कार्यकर्ता द्वारा छठवें महीने में ही मेरी सास, ननद और पति के सामने जन्म योजना व प्रसव पोटली तैयार करा दी गई है। हमने सभी जरूरी सामग्री व सूचना प्रसव पोटली में एकत्रित कर ली हैं। अब प्रसव पीड़ा के समय इससे मदद मिलेगी।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया समन्वयक डॉ. विजय सिंह ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना गर्भवती के लिए सुरक्षित प्रसव की योजना हैं। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में गर्भवती को 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूता को 1400 रुपये दिए जाते हैं।

Janani Suraksha Yojana : गर्भ का पता चलते ही गर्भवती का पंजीकरण कराएं (Register pregnant as soon as you discover pregnancy)
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में शिशु का जन्म सबसे सुरक्षित है। इसके लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत पहले से ही आशा कार्यकर्ता के द्वारा जन्म योजना, प्रसव पोटली तैयार करा दी जाती है। गर्भ का पता चलते ही गर्भवती का पंजीकरण होता है और चिकित्सक द्वारा गर्भवती की सभी प्रसव पूर्व जांचें की जाती है। परीक्षण कराने के बाद एएनएम व आशा कार्यकर्ता जन्म योजना की तैयारी शुरू कर देती हैं। छठवें महीने में जन्म योजना व प्रसव पोटली तैयार कर ली जाती है। इसके माध्यम से गर्भवती व उसके परिवार के सदस्यों को इसकी संपूर्ण जानकारी दी जाती है। जैसे ही प्रसव की तिथि नजदीक आने वाली होती है तो एक झोले में मां व शिशु के लिए आवश्यक सामग्री रखने के साथ अस्पताल का चयन किया जाता है। इसे प्रसव पोटली कहते हैं। प्रसूता के साथ में कौन जाएगा। घर की देखभाल कौन करेगा आदि सभी तैयारियां गर्भावस्था के दौरान करा दी जाती हैं।
Janani Suraksha Yojana : शिशु मृत्यु-दर में आती है कमी (There is a decrease in infant mortality rate)
एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि अस्पताल में प्रसव कराने से शिशु मृत्यु-दर में कमी आती है। यदि पहले से तैयारी हो तो इलाज होने में विलंब नहीं होता है। जननी सुरक्षा योजना के तहत सामान्य प्रसव में तीन दिन व ऑपरेशन से प्रसव होने पर प्रसूता को सात दिन अस्पताल में पौष्टिक आहार की सुविधा दी जाती है।

Janani Suraksha Yojana : प्रसव पोटली से सही समय पर मिलता है इलाज (Treatment is available at the right time through delivery bag)
ब्लॉक खंदौली के बीसीपीएम कुलदीप सिंह ने बताया कि ब्लॉक में 162 प्रसव पोटली बन चुकी हैं। जन्म से पहले की तैयारी करने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने में विलंब नहीं होता है। इससे सही समय पर इलाज मिल जाता है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से मां व नवजात को सुरक्षा मिलती है। मां व नवजात की देखभाल के लिए सभी अस्पतालों में आवश्यक सामग्री का पहले से इंतजाम रहता है। उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान कोई भी मुश्किल होने पर इसे प्रशिक्षित नर्स या डॉक्टर ही संभाल सकते हैं। जैसे मां के शरीर से खून का अधिक बहने या जन्म के तुरंत बाद शिशु का न रोना आदि का इलाज घर पर संभव नहीं है। इस कारण अस्पताल में प्रसव कराना ही सबसे अच्छा है।
Janani Suraksha Yojana : पोषण पोटली में क्या होता है (What is in the nutrition packet?)
🔺 आशा कार्यकर्ता का फोन नंबर
🔺 एएनएम का फोन नंबर
🔺सीएचसी प्रभारी का फोन नंबर
🔺 एंबुलेंस 102 का नंबर
🔺 स्थानीय वाहन चालक का नंबर
🔺 नवजात शिशु के लिए कपड़े
🔺 नवजात के लिए डायपर
🔺 गर्म कंबल
🔺 गर्भवती का एमसीपी कार्ड
🔺 गर्भवती का आधार कार्ड
🔺 गर्भवती की बैंक पासबुक
🔺 गर्भवती का अल्ट्रासाउंड
🔺 पैसों की व्यवस्था
🔺 अन्य सामग्री

Janani Suraksha Yojana : प्रसव पोटली से सुविधा और सुरक्षा (Convenience and safety with delivery bag)
🔺 प्रसव पोटली से मानसिक शांति
🔺 प्रसव पोटली में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता
🔺 प्रसव पोटली से शिशु के जन्म की योजना को आसान बनाना
🔺प्रसव पोटली से प्रसव के समय आवश्यक सामग्री की कमी को रोकना
🔺 प्रसव पोटली से गर्भवती महिला को आत्मविश्वास और तैयारी के साथ सामना करने में मदद
Janani Suraksha Yojana : प्रसव पोटली के लाभ (Benefits of delivery bag)
🔺सुविधा और सुरक्षा
🔺मानसिक शांति
🔺प्रसव के समय आवश्यक सामग्री की उपलब्धता
🔺शिशु के जन्म की योजना को आसान बनाना
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